अक्टूबर का महीना गन्ने की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त समय है। इस समय बुवाई से फसल में सुधार होता है।
बुवाई के लिए सही किस्म का चयन करना उत्पादन में वृद्धि ला सकता है। विशेषज्ञ से सलाह लें।
बीज को ट्राइकोडर्मा से संशोधित करने से फसल की पैदावार बढ़ती है और रोगों का खतरा कम होता है।
ट्रेंच विधि या नाली विधि से गहरी नालियों में बुवाई की जाती है, जिससे सिंचाई में पानी की आवश्यकता कम होती है।
ट्रेंच विधि में कम पानी की जरूरत होती है, जिससे सिंचाई की लागत में कमी आती है।
सामान्य विधि में प्रति हेक्टेयर 60-70 टन उत्पादन मिलता है, जबकि ट्रेंच विधि से यह 90-100 टन तक पहुंच सकता है।
ट्रेंच विधि से उत्पादन बढ़ाने से किसानों को अधिक लाभ होता है, जिससे उनकी आय में सुधार हो सकता है।
इस विधि से न केवल उत्पादन बढ़ता है बल्कि लागत में भी कटौती होती है, जो किसान के लिए फायदेमंद है।
लखीमपुर के किसान इस विधि को अपनाकर अपनी आय में सुधार ला सकते हैं और उत्पादन में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
जमुनाबाद कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. बिसेन का कहना है कि इस विधि को अपनाने से उत्पादन में 20% तक बढ़ोतरी हो सकती है।
गन्ने की बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह से तैयारी करें, जिससे फसल में गुणवत्ता में वृद्धि हो।
गन्ने की फसल में सिंचाई की नियमितता और ट्रेंच विधि से पानी की बचत का ध्यान रखें।
इन तकनीकों को अपनाकर अपने गन्ने की पैदावार को बढ़ाएं और बेहतर मुनाफा कमाएं।