अगर आप भी मुर्रा भैंस लेने जा रहे हैं तो अभी जान लें उसकी ये बड़ी पहचान!
डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि मुर्रा भैंस की डिमांड भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है.
मुर्रा भैंस का रंग गहरा काला होता है. चेहरे और पैर के ऊपरी हिस्सों पर शायद ही कभी सफेद निशान हो सकते हैं, हालाँकि ये कोई जरूरी नहीं कि सफेद रंग हो.
सींग दूसरी भैंसों से अलग छोटा, कड़ा, पीछे और ऊपर की ओर मुड़ता हुआ और अंदर की ओर मुड़ता हुआ होता है.
सींग कुछ हद तक चपटे होते हैं. जैसे-जैसे इसकी उम्र बढ़ती है सींग थोड़े ढीले हो जाते हैं लेकिन सर्पिल मोड़ बढ़ जाते हैं.
मुर्रा भैंस की आंखें काली, सक्रिय और उभरी हुई होती हैं. भैंसे में थोड़ी सिकुड़ी हुई होती हैं.
पूंछ काली या सफेद (अधिकतम 6 इंच) फेटलॉक जोड़ तक पहुंचने वाली लंबी पूंछ होती है.
भैंस में गर्दन लंबी और पतली होती है जबकि मेल भैंसे में मोटी और भारी गर्दन होती है.
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